जंगल का तोता | Hindi Story New | Hindi Kahaniyan

 जंगल का तोता | Hindi Story New | Hindi Kahaniyan

जंगल का तोता | Hindi Story New | Hindi Kahaniyan | New Hindi Story
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जंगल का तोता | Hindi Story New | Hindi Kahaniyan

एक शिकारी था गबरू। एक दिन वह शिकार पर निकला। सुबह से शाम हो गई, लेकिन उसे कोई शिकार न मिला। अंत में आते वक्त रास्ते में उसने जंगल में एक घना जामुन का पेड़ देखा। उस पर कई पक्षी बैठे थे। गबरू ने अपना जाल फेंका। कुछ तो पक्षी उड़ गए, पर कुछ जाल में फंस गए। उनमें से एक तोता बहुत सुंदर था। वह जाल में अपने आप को फंसा देख घबरा गया। तोते ने गबरू से कहा-''मैं तो ठहरा इतना सा छोटा प्राणी । मेरी जान बख्श दे, छोड़ दे मुझे, मेरे भी तो बच्चे हैं छोटे-छोटे, वे मेरा इंतजार कर रहे होंगे।' ! गबरू ने जब तोते से इतना सब कुछ सुना तो उसको पहली बार किसी शिकार पर तरस आया। उसने सोचा-' क्यों न इसे बेच दूं, जिससे तोते की जान भी बच जाएगी और मुझे दाम भी मिल जाएंगे।' ऐसा सोच, शिकारी तोते को बाजार ले गया। सुंदर तोते को एक सेठ जी ने खरीद लिया। फिर दुकान के बाहर दरवाजे पर पिंजरे को लटका दिया। अब सेठ जी तोते को रोज शाम घर ले जाते, सुबह वापस दुकान पर लाते | पर कुछ दिनों बाद उनका मन तोते से ऊब गया। एक दिन सेठ जी तोते का पिंजरा लिए हुए ही सब्जी मंडी चले गए वहां तोते की नजर मिर्ची पर पड़ी। तोता कहने लगा-' 'मिर्ची-मिर्ची !'” सब्जी वाले को तोते की ऐसी बोली सुन अच्छा लगा।उसने तोते को खरीदने की ठान ली। सब्जी वाले ने सेठ से बीस टके में तोता खरीद लिया। सब्जी वाला तोते को पिंजरे सहित घर ले गया। उसके परिवार में तीन सदस्य थे | स्वयं, पत्नी व एक पुत्र, जिसका नाम था हरसू। एक दिन नगर के राजा, भ्रमण पर निकले। उनके आने पर प्रजा उनके स्वागत के लिए रास्ते में खड़ी थी। हरसू भी तोते के साथ अपने घर के दरवाजे पर खड़ा था।राजा के पास आते ही तोता बोला-''राजा की विजय हो, राजा की विजय हो।'! तोते की ऐसी मधुर व शुभ वाणी सुन, राजा अचरज में पड़ गए। तोता राजा के हाथ में आते ही कहने लगा-''मेंरे मालिक राजा हैं, मेरे मालिक राजा हैं।'! राजा ने हरसू को अच्छा-खासा धन दिया और तोते को अपने संग ले गए। अब राजा राजमहल में तोते को हर समय अपने पास रखते पर कुछ दिनों में तोता उदास सा रहने लगा। जब राजा ने उदासी के बारे में उससे पूछा, तो उसने अपना सारा किस्सा राजा को बता दिया। दूसरे दिन ही राजा ने राजमहल की छत पर जाकर आकाश में तोते को उड़ा दिया। तोता उड़ते हुए कहने लगा-'“राजा का शुक्रिया, राजा का शुक्रिया।' ! तोता उड़ता हुआ जंगल में अपने बच्चों व परिवार के पास पहुंच गया। »


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