इतनी रूई को कौन धुनेगा कौन बुनेगा ? | Hindi Ki Kahaniyan

 इतनी रूई को कौन धुनेगा कौन बुनेगा ?  | Hindi Ki Kahaniyan

इतनी रूई को कौन धुनेगा कौन बुनेगा ?  | Hindi Ki Kahaniyan | Hindi Kahani
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 इतनी रूई को कौन धुनेगा कौन बुनेगा ?  | Hindi Ki Kahaniyan

एक राजा था। वह कुछ वहमी था। वह घंटों अकेला बेठा सोचता रहता था। यह कभी किसी ने नहीं जाना  कि उसके सोचने का विषय क्या होता था। राजा एक दिन संध्या के समय अपने महल की छत पर टहल रहा था. सहसा उसका ध्यान दूर जाते हुए ऊंटों के एक काफिले की ओर गया। काफिले में लगभग सौ ऊँट होंगे।सबकी पीठों पर बड़े-बड़े गठ्ठर लदे थे। राजा ने अपने एक सेवक को बुलाया और पूछा- "इन ऊँटों पर क्या लदा है ? ' सेवक  ने कहा-- महाराज इन पर रूई के बोरे लदे हैं। ” राजा ने फिर पूछा-- "इस रूई का क्या होगा ?” सेबक ने पुन: उत्तर दिया-- महाराज , इससे वस्त्र बनेंगे.” “कैसे ? राजा ने आश्चर्य से फिर प्रश्न किया। सेवक बोला--“ हुजूर,पहले इसे धुना जायेगा फिर इससे कपड़ा बुना जायेगा। ”राजा चोंक पड़ा--'इतनी रूई को कौन -धुनेगा, कोन बुनेगा ?” राजा ने कई बार इसी वाक्य को दोहराया और फिर तो यह राजा के मन में ऐसा बैठा कि बस वह यही रट लगाने लगा--“इतनी रूई को कौन धुनेगा कौन... बुनेगा। '' सेवक दौड़ता हुआ महल में गया और सभी परिवार वालों को और सभासदों को राजा के इस रोग की सूचना दी। रानी  रो रोकर राजा की ओर दौड़ीं सभासद इधर उधर वैद्द और डाक्टरों की तलाश में भागने लगे। महीनों तक वैद्दों ने सिर पटका पर राजा का उपचार नहीं हो सका। सारे राज्य में राजा की इस अद्भुत बीमारी की चर्चा फ़ैल गई। राजा से जो भी मिलता, बस एक ही वाक्य सुनता था--इतनी रूई को कौन धुनेगा कौन बुनेगा।
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एक दिन एक गरीब ब्राह्मण राजा के दरबार में आया और मंत्रियों से बोला--मैं राजा के रोग का इलाज कर सकता हूं।  मंत्रियों ने कहा--कहते हैं कि राजा को वहम की बीमारी है जिसका इलाज कहीं नहीं है। ब्राह्मण ने कहा--“मेरे पास वहम की दवा है। 'मंत्री ब्राह्मण को राजा के पास ले गये। राजा ने ब्राह्मण को देखते ही कहा--“इतनी रूई को कौन धुनेगा, कौन बुनेगा ?” ब्राह्मण ने धीरे से राजा के कान में कहा--“महाराज, “वह रूई तो सब जल गई। ” “जल गई ?”
राजा चारपाई से उछल पड़ा। “हां जल गई, यह रही उसकी राख--कहते हुए ब्राह्मण ने अपने थैले में भरी राख उंडेल दी। राजा थोड़ी देर सोचता रहा। सोचते-सोचते राजा को नींद आ गई, राजा जब नींद से जागा तो बिलकुल ठीक था।
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