हापड़ का दरजी | Baccho Ki Nayi Kahani | Baccho Ki Story

 हापड़ का दरजी | Baccho Ki Nayi Kahani | Baccho Ki Story

हापड़ का दरजी | Baccho Ki Nayi Kahani | Baccho Ki Story | Nai Hindi Kahani
Baccho Ki Nayi Kahani
'लक्की लोमड़ का लड़का बिकानू का मन पढ़ने-लिखने में नहींलगता था। एक दिन लक्की लोमड़ ने बिकानू से  कहा-' पढ़ नहीं सकते, तो कोई काम ही कर लो। बिकानू  के कहने पर लक्की ने उसे हलवाई की दुकान खुलवा दी। दुकान चल भी पड़ी। पर वह रातोंरात रईस बनने के सपने देखने लगा। पेड़े, जलेबी, समोसे, इमरती, चमचम सबकी क्वालिटी गिर गई। ग्राहक कम होने लगे। और एक दिन दुकान ही बंद हो गई।
बिकानू के दोस्त की दरजी की दुकान थी। वहां उसे थोड़ा कैंची चलाना भी आ गया था। उसके कहने पर लक्की ने उसे दरजी की दुकान खुलवा दी। सिलाई का काम शुरू हुआ। बिकानू ने बोर्ड लगवाया-हापड़ का दरजी।
नई दुकान देखकर बिट्टू बंदर कमीज का कपड़ा लेकर आ गया। बिट्टू जब कपड़ा देकर जाने लगा, तो बोर्ड देखकर चौंका-“'बिकानू, यह हापड़ का दरजी लिखा है कि हापुड़ का ?'' “हापड़ का! बिकानू बोला।-' हापुड़ तो हिंदुस्तान में है और हापड़ अमेरिका में। मैं वहीं से काम सीखकर आया हूं।'' “ओह ! '-कहकर बिट्टू चला गया। बिकानू की चाल चल गई। बिट्टू ने खूब प्रचार किया। अनेक ग्राहक आने लगे। एक दिन विक्रम शेर का लड़का टिंकू आया। बिकानू ने उसे देखा, तो चौंक उठा। उसने कहा-' “कमीज उलटी क्‍यों पहने हो ?'' “कमीज सीधी है !'' टिंक्‌ बोला - आप जो फुचरे से निकले देख रहे है |, वह कमीज का डिजाइन है।'! बिकानू को पैसा कमाने का रास्ता मिल गया। अब किसी की पैंट में बड़ा सा छेद हो गया। किसी की कमीज की एक बांह छोटी हो गई। किसी के कुरते का गला बड़ा हो गया। किसी का कोट आधा सिला और आधा अनसिला रह गया।
 ऐसा ही एक कोट भीमा भालू का भी सिला था। कोट पहनकर वह बोला-''भैया, यह कोट तो ठीक नहीं सिला है!!! “अमेरिका के हापड़ में तो ऐसे ही कोट पहने जाते हैं।''-
बिकानू ने झट से जवाब दिया। भीमा कोट पहनकर जब घर पहुंचा, तो घर के सब सदस्यों ने उसका खूब मजाक उड़ाया।
जल्दी ही बन्ने खरगोश की शिकायत आ गई-''बिकानू, इसकी एक बांह तो छोटी है। तुमने मेरी कमीज बेकार कर दी।'! “अरे, किस पुराने जमाने की बात कर रहे हैं ! नए जमाने के कपड़े पहनिए। बहुत जल्दी कमीज एक बांह की बनने वाली है।''-बिकानू ने उसे समझाया।
कमीज को पहनकर बन्ने ससुराल गया, तो जैसे आफत ही आ गई। बच्चे ताली बजाकर उछलने लगे। बन्ने मियां उलटे पांव घर भागे। बिकानू अमेरिका के हापड़ की ऐसी चालाकी भरी बातें बताता कि लोग झांसे में आ जाते। जनकू जंगल में
बिकानू की दुकान 'हापड़ का दरजी' काफी प्रसिद्ध हो गई। हालांकि इस दुकान पर सारे कपड़े खराब ही बनते थे, पर फैशन के नाम पर चलते। लेकिन जब ऐसे कपड़े पहनकर कोई कहीं जाता, तो कोई उसे जोकर कहता, तो कोई पागल। जनकू जंगल में ऐसे खराब कपड़े पहनने वाले बहुत से प्राणी हो गए। धीरे-धीरे जनकू जंगल ऊटपटांग
कपड़ों के लिए प्रसिद्ध हो गया। जो भी ऐसे अटपटे कपड़े देखता, तुरंत बोल पड़ता-''हापड़ का दरजी से सिलवाए हैं क्या ?'! यह सुनकर जंगल के सारे प्राणी जोर-जोर से हंसकर लोटपोट हो जाते।

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